किडनी के साथ बीपी भी ठीक कर देता है आयुर्वेद

किडनी के साथ बीपी भी ठीक कर देता है आयुर्वेद

भारत में अब भी गुर्दों से संबंधित बीमारियों के बारे में जागरूकता का स्तर बेहद कम है। हकीकत तो यह है कि लोगों को किडनी या गुर्दे खराब होने में पता ही तब चलता है जब वह करीब 40 प्रतिशत खराब हो जाता है। ये स्थिति तब है जबकि देश में गुर्दे की खराबी पता करने के लिए एक बेहद आसान आधुनिक जांच उपलब्ध है।

ग्लोमेरूलर फिल्टरेशन रेट जी.आर.एफ नामक टेस्‍ट से यह पता चल जाता है कि गुर्दा कितनी क्षमता से काम कर रहा है। गुर्दे की बीमारी का शुरूआती स्तर पर पता चल जाए तो मरीजों को गुर्दा प्रत्यारोपण या डायलिसिस जैसे इलाजों से बचाया जा सकता है। यूं तो किडनी की खराबी का सटीक इलाज एलोपैथी में ही है मगर प्राचीन समय से आयुर्वेद भी गुर्दों के इलाज में कारगर भूमिका निभाता रहा है।

गुर्दा खराब होने लगे तो कुछ खास लक्षण इसके बारे में बताते हैं। पेशाब की मात्रा कम या ज्यादा हो जाना, पेशाब में खून आना, जलन से कमर में दर्द, आंखों के नीचे सूजन, रक्तचाप बढ़ जाना, भूख कम लगना आदि लक्षण हो तो तत्काल किसी गुर्दा विशेषज्ञ से सलाह करना चाहिए। 

दिल्‍ली के प्रतिष्ठित आयुर्वेदिक चिकित्सक वैद्य देवेन्द्र त्रिगुणा के अनुसार आयुर्वेद में गुर्दे की बीमारियों का सफल इलाज मौजूद है। गुर्दे की पथरी के इलाज में तो आयुर्वेद की महत्ता पुराने जमाने से प्रमाणित है। विभिन्न औषधीय पौधों से तैयार दवाइयों से गुर्दे की बीमारी ठीक की जा सकती है।

इसमें ये खयाल जरूर रखा जाता है कि भस्म युक्त दवाइयों का प्रयोग न हो इसलिए मुख्यतः पंच तृणमूल, चंद्रप्रभा वटी,  मूली के साग, श्वेत वटी, पुनर्नवा आदि दवाइयां इस्तेमाल की जाती हैं। यह सारी  औषधीय पौधों से ही तैयार की जाती हैं। चूंकि यह जीवनशैली और खान-पान से जुड़ी बीमारी है इसलिए इन दवाइयों के साथ उचित परहेज की सलाह भी आयुर्वेदिक चित्सिक देते हैं। मरीजों को हर हाल में इन परहेजों का ध्यान रखना चाहिए।

जिन मरीजों को गुर्दे के साथ मधुमेह की भी समस्या है उन्हें खास परहेज बरतने की जरूरत होती है। सबसे पहले तो चिकनाईयुक्त भोजन का त्याग कर देना चाहिए। इसके अलावा दही का सेवन बंद कर दें। चाहे तो छाछ का इस्तेमाल कर सकते हैं। कुत्थ की दाल गुर्दे की पथरी में रामबाण दवा मानी जाती है। इसके साथ खूब पानी पीना चाहिए। महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि आयुर्वेद के माध्यम से यदि गुर्दे का इलाज किया जाता है तो इसके साथ उच्च रक्तचाप की समस्या भी ठीक हो जाती है।

आयुर्वेद के साथ नियमित योग करने से बीमारी के जल्द ठीक होने की संभावना बढ़ जाती है। मगर इतना ध्यान रखें कि योग की क्रियाएं किसी दक्ष योगाचार्य की निगरानी में ही करनी ठीक होती हैं अन्यथा उनका उलटा असर भी हो सकता है।

Disclaimer: sehatraag.com पर दी गई हर जानकारी सिर्फ पाठकों के ज्ञानवर्धन के लिए है। किसी भी बीमारी या स्वास्थ्य संबंधी समस्या के इलाज के लिए कृपया अपने डॉक्टर की सलाह पर ही भरोसा करें। sehatraag.com पर प्रकाशित किसी आलेख के अाधार पर अपना इलाज खुद करने पर किसी भी नुकसान की जिम्मेदारी संबंधित व्यक्ति की ही होगी।